ऊजाला भास्कर

सकारात्मक सोच कैसे बनाये, निबंध,शायरी, कविता | How to Develop Positive Thinking in hindi

सकारात्मक सोच कैसे बनाये, सकारात्मकता पर निबंध, महत्व How to Develop Positive thought or thinking or suvichar quotes in hindi सकारात्मकता पर शायरी सकारात्मकता क्या है अर्थ महत्व एवं निबंध सकारात्मकता एक तरह की सोच है जो कि व्यक्ति के दिल दिमाग और मन पर निवास करती है इस सोच की कोई उचित परिभाषा नहीं हो सकती … Read more

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर निबंध (Essay on International Women’s Day in Hindi)

आज के वैश्विकरण वाले प्रतिस्पर्धी दौर में महिलाएं सिर्फ घर ही नहीं संभालतीं बल्कि देश, दुनिया की तरक्की में भी अपना योगदान दे रही हैं। घर से लेकर विभिन्न क्षेत्रों चाहे वह आईटी सेक्टर हो या बैंकिंग या अन्य, सभी में अपनी प्रतिभा और कार्य कौशल का लोहा मनवा रही हैं। महिलाओं के इसी हौसले और जज्बे को सराहने और सम्मान देने के लिए दुनिया भर में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता है। हर साल मार्च माह की 8 तारीख को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस (International Women’s Day) मनाया जाता है।

8 मार्च को पूरी दुनिया में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता है। भारत की संस्कृति में महिलाओं का किरदार बहुत ही महत्वपूर्ण रहा है। यहां आदिकाल से महिलाओं को देवी मानकर पूजा जाता रहा है, लेकिन समय के साथ विदेशी आक्रांताओं के दूषित विचारों की बलि महिलाएं चढ़ीं। उनके अधिकार सीमित होते चले गए, लेकिन अब वह वापस अपने अधिकारों को जीतने में सफल हुई हैं।

महिलाएं आज हर क्षेत्र में अपनी सफल मौजूदगी दर्ज करा रही हैं। 8 मार्च का दिन उनकी इसी मेहनत, त्याग, तपस्या के लिए समर्पित है। आप भी अपनी अपनी मां, बहन, पत्नी, बेटी या दोस्त को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की शुभकामनाएं देना चाहते हैं, तो हम आपके लिए आज इस आर्टिकल में कविताएं लाए हैं। आप इनको पढ़ मैसेज से शुभकामनाएं दे सकते हैं।

इन कविताओं का लें सहारा…

1- पढ़ाई की ताकत को जानों

नारी तुम खुद को जानों

तुम हो मानवता की पालनहार

इस सृष्टि पर हो उपकार

Happy Women’s Day 2024

2– नमन तुझे है आज की नारी

अब तू नहीं रही बेचारी

कर सकती तू सारे काम

आज की नारी तुझे सलाम

Happy Women’s Day 2024

3– कोमल है कमज़ोर नहीं

शक्ति का नाम ही नारी है

जग को जीवन देने वाली

मौत भी तुझसे हारी है

Happy Women’s Day 2024

4– नारी! तुम केवल श्रद्धा हो

विश्वास-रजत-नग पगतल में

पीयूष-स्रोत-सी बहा करो

जीवन के सुंदर समतल में

Happy Women’s Day 2024

5– जब आप एक पुरुष को शिक्षित करते हैं

तो केवल एक आदमी शिक्षित होता है

लेकिन एक स्त्री के शिक्षित होने से

पूरी पीढ़ी शिक्षित होती है.

Happy Women’s Day 2024

6– हम इतने अनमोल हैं कि निराशा कभी हमारे

दिलों-दिमाग में भी नहीं आनी चाहिए

Happy International Women’s Day

7– हजारों फूल चाहिए एक माला बनाने के लिए,

हजारों दीपक चाहिए एक आरती सजाने के लिए,

हजारों बूंद चाहिए समुद्र बनाने के लिए,

पर एक ‘स्त्री’ अकेली ही काफी है घर को स्वर्ग बनाने के लिए

महिला दिवस की हार्दिक बधाई

8– हे नारी तू सीता के मन में समाई तू राधा के मन में समाई।

साधू संत जिसे स्‍वर्ग कहते, तू धरती पर वही मुक्ति है।।

महिला दिवस की शुभकामनाएं

9– मुस्कराकर, दर्द भुलाकर

रिश्तों में बंद थी दुनिया सारी

हर पग को रोशन करने वाली

वो शक्ति है एक नारी

महिला दिवस की हार्दिक बधाई

10– उसका दामन है बड़ा…

दिया उसने अपना प्यार सारा

कहलाई वो स्त्री, कहलाई वो एक नारी

बनकर एक आदर्श उसने किया जग में उजियारा

महिला दिवस की हार्दिक बधाई

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर निबंध (Essay on International Women’s Day in Hindi)

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस (International Women’s Day) को मनाने का खास मकसद समाज में महिलाओं को बराबरी को हक दिलाना, महिला सशक्तीकरण पर जोर देना है। साथ ही किसी भी क्षेत्र में महिलाओं के साथ होने वाले भेदभाव को रोकने के मकसद से भी इस दिवस को मनाया जाता है। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस 2024 (International Women’s Day essay in hindi) विषय की गंभीरता तथा आपके जीवन में एक महिला का क्या महत्व है, इसे समझने में Careers360 का यह अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस 2024 (International Women’s Day 2024 essay in hindi) विशेष लेख पाठकों के लिए सहायक सिद्ध होगा।

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस 2024 पर यह निबंध (International Women’s Day 2024 hindi essay) इस धरती पर मौजूद प्रत्येक महिला के सम्मान से संबंधित है और अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस 2024 (essay on International Women’s Day 2024 in hindi) विषय के बारे में पूरी जानकारी प्रदान करता है। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस 2024 (International Women’s Day 2024) पर अधिक जानकारी के लिए इस लेख को पूरा पढ़े।

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस-2024 की थीम (Theme of International Women’s Day-2024 in hindi)

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस-2024 की थीम यानि ध्येय वाक्य ‘उसकी गिनती करें : आर्थिक सशक्तीकरण के माध्यम से लैंगिक समानता में तेजी लाना’ (Count Her In : Accelerating Gender Equality Through Economic Empowerment) है जिसका तात्पर्य है कि आर्थिक सशक्तीकरण होने से महिला-पुरुष में समानता में तेजी आएगी। इसके बिना हम समतामूलक, समावेशी और न्यायसंगत भारत का निर्माण नहीं कर सकते है। महिलाओं को अर्थव्यवस्था में समान भागीदारी हासिल करने में बाधाओं का सामना करना पड़ता है। शिक्षा, रोजगार, वित्तीय सेवाओं और साक्षरता तक समान पहुंच के बिना, हम लैंगिक समानता तक पहुंचने की उम्मीद कैसे कर सकते हैं? हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि महिलाओं और लड़कियों को अपनी क्षमताओं का निर्माण करने और सीखने, कमाने और नेतृत्व करने की उनकी क्षमता को मजबूत करने के लिए समान अवसर दिए जाएं। हालांकि पिछले कुछ वर्षों में स्थिति बदली है।

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस-2023 की थीम (Theme of International Women’s Day-2023 in hindi)

इन्हीं परिवर्तनों पर ध्यान केन्द्रित करते हुए डिजिटऑल: लैंगिक समानता के लिए नवाचार और प्रौद्योगिकी” (DigitALL: Innovation and technology for gender equality) थीम के साथ अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस 2023 मनाया गया। इस थीम के पीछे यह विचार है कि लैंगिक समानता प्राप्त करने और सभी महिलाओं और लड़कियों के सशक्तीकरण के लिए डिजिटल युग में नवाचार, तकनीकी परिवर्तन और शिक्षा को बढ़ावा दिया जाए। महिलाओं के विषय में विकास से तात्पर्य उन्हें लेकर समाज में पूर्वाग्रहों, सोच और विचारों में परिवर्तन करना हैं। महिलाओं को समानता की नज़र से देखना, उन्हें अपने विकास के लिए पर्याप्त अवसर प्रदान करना तथा उनकी शिक्षा के लिए कार्य करना, एक सुरक्षित वातावरण प्रदान करना तथा उनका सम्मान करना है। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस-2023 की थीम महिलाओं के प्रति समानता के भाव को दर्शाता है तथा साथ ही सतत विकास के पथ को भी प्रदर्शित करता है।

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस का उद्देश्य ( Objective of International Women’s Day )

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस को मनाने का मंतव्य यही था कि महिलाओं को उनकी क्षमता प्रदान की जाए तथा महिला सशक्तीकरण किया जाए। मानसिकता कहें या जड़ता, कहीं न कहीं पुरुष महिलाओ को अपने से नीचा समझता आया है इस मानसिकता में परिवर्तन करना बहुत जरुरी था और यह केवल महिलाओं को बेहतर अवसर प्रदान करके ही किया जा सकता था। जब महिलाओं को अवसर प्रदान किए गए तथा महिला सशक्तीकरण किया गया तो महिलाओं ने अपने आप को बेहतर रूप से साबित किया। यह महिलाओं की योग्यता और क्षमताओं का परिणाम है जो आज महिलाएं बेहतर स्थिति में हैं। मगर अभी भी महिलाओं के लिए काफी काम किया जाना बाकी है, बहुत से परिवर्तनों के बावजूद आज भी महिलाओं को संघर्ष करना पड़ता है। उन्हें शिक्षा, सम्मान और समानता के लिए अभी भी बहुत संघर्ष करना पड़ता है।

लैंगिग समानता की पहल ( Gender equality initiative )

आज विश्व में हर जगह लैंगिग समानता के बारे में चर्चा होती है परन्तु आज भी विश्व भर में आर्थिक सुधारों के बाद भी 60 प्रतिशत महिलाएं आर्थिक रूप से कमजोर हैं। आज भी विश्व में पुरुषों और महिलाओं की आमदनी में विषमता है। इसके अलावा महिलाओं की विश्व में राजनीति के क्षेत्र में भागीदारी केवल 24 प्रतिशत है। हालांकि विश्व के कई देश हैं, जिनमें महिलाओं की साक्षरता दर 100 प्रतिशत है। उत्तर कोरिया इसका सबसे बड़ा उदाहरण हैं। इसके अलावा पोलैंड, रूस, और युक्रेन में साक्षरता दर 99.7 प्रतिशत है। हमारे पडोसी चीन में यह दर 95.2 प्रतिशत है। जबकि भारत में स्थिति अभी भी ख़राब है और महिला साक्षरता दर केवल 65.8 प्रतिशत है। हमारे अन्य पड़ोसी देश जैसे पाकिस्तान, अफगानिस्तान में महिलाओं की स्थिति तो और भी अधिक ख़राब है।

इसी प्रकार यदि हम महिला श्रम शक्ति भागीदारी दर के बारें में चर्चा करें तो हमारे पड़ोसी देश नेपाल में यह 81.4 प्रतिशत है, वियतनाम में 72.73 प्रतिशत, सिंगापुर में 61.97, यूके में 58.09, यूएसए में 56.76, प्रतिशत है, जबकि भारत एक ग्रामीण प्रधान देश है फिर भी यह दर केवल 20.7 प्रतिशत ही है। महिला सशक्तीकरण (women Empowerment) और महिला साक्षरता (women Literacy) के लिए इतने अधिक प्रयास करने के बावजूद भी स्थिति अभी भी सामान्य नहीं है। महिलाओं के प्रति अपराध की घटनाओं में भी वृद्धि देखने को मिली है। इन समस्याओं को दूर करने के लिए हमें अपनी सोच में परिवर्तन करना होगा और इसका दायित्व आज की युवा पीढ़ी पर ही है। हमें अपनी मर्दानगी तथा पुरुष प्रधानता के विचार को छोड़ कर नारी के प्रति समानता की भावना को बढ़ावा देना चाहिए।

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर निबंध ( Essay on International Women’s Day in hindi )

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पूर्ण रूप से एक नारी के संघर्ष की गाथा को प्रकट करता है। यह दिन यानी 8 मार्च हजारों वर्षों से शोषण को झेल रही महिलाओं के संघर्ष की याद दिलाता है जो आडंबरों के माध्यम से तो कभी परिवार के सम्मान के नाम पर उनके साथ होता आ रहा था। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस (International Women’s Day) की शुरुआत आज से लगभग एक सदी पूर्व एक समाजवादी आंदोलन के माध्यम से हुई थी जो कि एक श्रम आंदोलन से उपजा था। इसके बाद संयुक्त राष्ट्र ने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस को वार्षिक रूप से मनाने की मान्यता दी थी।

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की शुरुआत कैसे हुई? ( How did International Women’s Day start ? )

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की शुरुआत साल 1908 में हुई थी, जब न्यूयॉर्क शहर की सड़कों पर हजारों महिलाएं घंटों काम के लिए बेहतर वेतन और सम्मान तथा समानता के अधिकार को प्राप्त करने के लिए उतरी थी। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मनाने का प्रस्ताव क्लारा जेटकिन का था, उन्होंने साल 1910 में यह प्रस्ताव रखा था। पहला अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस 8 मार्च 1911 को ऑस्ट्रिया, डेनमार्क, जर्मनी और स्विट्ज़रलैंड में मनाया गया था।

यह अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के इतिहास से संबंधित कुछ बातें थी, लेकिन अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस को औपचारिक मान्यता वर्ष 1996 में प्रदान की गई थी। संयुक्त राष्ट्र द्वारा इसे ‘अतीत का जश्न, भविष्य की योजना’ थीम के साथ शुरू किया गया था।

आज के परिप्रेक्ष्य में अगर हम विचार करें, तो हम पाते हैं कि आज की तारीख में महिलाएं पुरुषों से बहुत आगे निकल गई हैं। महिलाओं को जब-जब अवसर दिया गया, तब-तब उन्होंने पूरे विश्व को बता दिया कि वह पुरुष के बराबर ही नहीं, बल्कि कई मौकों पर वे उनसे कई गुना बेहतर साबित हुई हैं। आज विश्व पटल पर महिलाएं नए-नए कीर्तिमान स्थापित कर रही हैं। अब वह समय नहीं रहा जब महिलाएं घर की चारदिवारी में बंद की जाती थी। अब महिलाएं हर क्षेत्र में अपनी प्रतिभा का बेहतर प्रदर्शन कर रही हैं।

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस 2024 पर कवितायें, त्याग की मूरत पर कविता (International Women’s Day Poem in Hindi)

केवल एक दिन यह मान लेने से क्या नारी को सम्मान मिल जाता है? औरत त्याग की एक ऐसी मूरत हैं जिसे देवी का स्थान मिला हैं. किसी पुरुष में सहस्त्र हाथियों का बल होगा, पर एक औरत की ताकत और उसके त्याग के आगे तो शून्य ही हैं। भले ही समाज में इसे दुःख मिला हो, पर उस समाज की खुशहाली की इकलौती नींव एक नारि ही हैं।

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर कविता (International Women’s Day Poem in Hindi)

महिला दिवस, एक ऐसा दिन जिसमे दुनियाँ भर की महिलाओं को सम्मान दिया जाता हैं, उनका गुणगान किया जाता हैं। कई देशों में इस दिन अवकाश भी रखा जाता हैं  और कई तरह से इस दिन को मनाया जाता हैं लेकिन क्या महिलाओं की स्थिती दुनियाँ के किसी भी देश में इतनी सम्मानीय हैं ? क्या महिलायें अपने ही घर एवम देश में सुरक्षित हैं ? अधिकारों की बात क्या करे, जब सुरक्षा ही सबसे बड़ा विचारणीय मुद्दा हैं। ऐसे में अन्तराष्ट्रीय महिला दिवस जैसे दिन समाज को दर्पण दिखाने के लिए महत्वपूर्ण हैं । माना कि एक दिन से महिला विकास संभव नहीं, लेकिन कहीं ना कहीं, यह एक दिन भी पूरी दुनियाँ को एक साथ इस ओर सोचने का मौका देता हैं, जो हर हाल में महत्वपूर्ण हैं। इसलिए इस एक दिन को छोटा समझ कर इसे भुलाने की गलती ना करे, बल्कि एकजुट होकर इस एक दिन को साकार बनाये, ताकि देश विदेश हर जगह महिला सशक्तिकरण की ओर कार्य किया जा सके।

एक लड़की कुछ नहीं मांगती उसके नाम पर दहेज़ दिया और लिया जाता है पर उसमे उसका कोई अस्तित्व नहीं होता। एक रिश्ते को निभाने के लिए वो समझोते करती चली जाती हैं इस कदर खुद को बदल देती हैं कि उसके अरमान भी उससे मुहं मोड़ लेते। इतना त्याग वो परिवार की खुशियों के लिए करती बस थोड़े से प्यार और इज्जत की उम्मीद लिए पर वो भी नहीं मिलता उसे त्याग की मूरत को सफलता से भरे उस परिवार में अनदेखा कर दिया जाता , किसी को उसके त्याग का कोई अहसास नहीं रहता।

हिंदी कविता नारी त्याग की मूरत ( International Women’s Day Poem in hindi)

कुछ माँगा नहीं,कुछ चाहा नहीं,
बदला बस खुद को,कि रिश्ता टूट ना जाये कहीं.

आदतों को बदला,चाहतों को बदला,
भले मेरे अरमानों ने,अपनी करवट को बदला.

समन्दर की एक बूंद बन जाऊं भले,
बस समन्दर में मेरा अस्तित्व तो रहें.

धूल का एक कण भी में बन ना सकी,
मेरे त्याग की ओझल हो गई  छबि.

भारत में महिला सशक्तीकरण (Women Empowerment in India)

भले ही आज भारत में महिलाओं के उत्थान के लिए भरसक प्रयास किए जा रहे हैं, परंतु इसकी शुरुआत राजा राम मोहन राय ने की थी। उन्हें भारतीय पुनर्जागरण का अग्रदूत भी माना जाता है। उन्होंने भारतीय समाज से सती प्रथा जैसी कुप्रथाओं को समाप्त करने का प्रयास किया। वर्त्तमान समय में भारत सरकार महिलाओं की स्थिति को सुधारने का प्रयास कर रही है, साल 2001 में भारत सरकार ने महिला सशक्तिकरण हेतु अपनी राष्ट्रीय नीति का गठन किया। महिला सशक्तिकरण नीति को मंजूरी केंद्र सरकार ने 21 मार्च 2001 को दी गई थी। महिला सशक्तिकरण नीति के मुख्य बिंदु इस प्रकार हैं:

  • महिला सशक्तीकरण के लिए महिलाओं को देश में राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक क्षेत्र में पुरुषों के समान अधिकार प्रदान करना।
  • महिलाओं के प्रति होने वाले हर तरह के शोषण और भेदभाव को समाप्त करना।
  • महिलाओं के लिए ऐसा वातावरण तैयार करना जिसमें वह खुद को सुरक्षित महसूस कर सकें।
  • समाज में महिलाओं के प्रति व्यवहार में बदलाव लाने के लिए राजनितिक, सामाजिक, और आर्थिक क्षेत्र में बराबर हिस्सेदारी प्रदान करना।
  • महिलाओं और बालिकाओं के प्रति होने वाले अपराध को समाप्त करना।
  • कन्या भ्रूण हत्या को समाप्त करना।
  • देश में महिला और पुरुष अनुपात को समान अवस्था में लाना।
  • महिलाओं को शिक्षा प्रदान करना तथा उन्हें आरक्षण प्रदान करना।

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर निबंध (Essay on International Women’s Day in hindi)

यूं तो महिलाओं के बिना जीवन ही नहीं है इसलिए ही कामायनी में जय शंकर प्रसाद जी ने महिलाओं के सम्मान में कहा है कि

नारी तुम केवल श्रद्धा हो विश्वास-रजत- नग-पग तल में

पियूष सुता सी बहा करो जीवन के सुंदर समतल में

इसी तरह हिंदी के बहुत बड़े कवि ‘सूर्यकांत त्रिपाठी निराला’ जी भी अपनी कविता में महिलाओं के संघर्ष को दर्शाते हैं, उनकी कविता की कुछ पंक्तियाँ इस प्रकार है:

वह तोडती पत्थर

देखा उसे मैंने इलाहाबाद के पथ पर

वह तोडती पत्थर

कोई न छायादार

पेड़ वह जिसके तले बैठी हुई स्वीकार;

श्याम तन, भर बंधा यौवन,

नत नयन, प्रिय-कर्म-रत मन,

गुरु हथौड़ा हाथ,

करती बार-बार प्रहार:-

सामने तरु-मालिका अट्टालिका, प्राकार।

जय शंकर प्रसाद जी की इस अभिव्यक्ति से महिलाओं के संघर्ष, सशक्तीकरण को समझा जा सकता है।

उम्मीद है कि इस लेख से छात्र-छात्राओं, प्रतियोगी परीक्षा देने वाले युवाओं को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस को समझकर अपने दृष्टिकोण को व्यापक बनाने और कई अवधारणाओं को समझने में काफी मदद मिलेगी और परीक्षा के दौरान इस विषय पर बेहतरीन लेख तैयार कर सकेंगे।

Frequently Asked Question (FAQs)

1. अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस कब मनाया जाता है?

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस 8 मार्च को मनाया जाता है।

2. अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की शुरुआत कब से हुई थी?

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की शुरुआत 1908 में हुई थी।

3. अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की औपचारिक शुरुआत कब से हुई थी?

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस को औपचारिक मान्यता 1996 में प्रदान की गयी थी।

4. अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस 2024 की थीम क्या है?

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस-2024 की थीम ‘उसकी गिनती करें : आर्थिक सशक्तीकरण के माध्यम से लैंगिक समानता में तेजी लाना’ (Count Her In : Accelerating Gender Equality Through Economic Empowerment) है जिसका तात्पर्य है कि आर्थिक सशक्तीकरण होने से महिला-पुरुष में समानता में तेजी आएगी। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस 2023 “डिजिटऑल: लैंगिक समानता के लिए नवाचार और प्रौद्योगिकी” (DigitALL: Innovation and technology for gender equality) थीम के साथ मनाया गया। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस 2022 का ध्येय वाक्य ‘ब्रेक द बायस’ ( Break the Bias) था।

कक्षा 10वीं के बाद करियर बनाने में सहायक कुछ महत्वपूर्ण लेख पढ़ें ( In coming future ):

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  • बी.टेक क्या है? (फुल फार्म)
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  • हिंदी दिवस पर कविता
  • प्रदूषण पर निबंध
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